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Monday, August 8, 2011

रमजान में प्रयाग

07/August/2011
जनसत्ता
तरुण विजय

1 comment:

Unknown said...

क्या कहें?
तरूण जी बात एक व्यक्ति की होती तो मामला कुछ और होता यहां तो बात हिन्दूस्थान के बजूद को मिटाने की है जिसके लिए हिन्दूविरोधी-देशविरोधी धर्मनिर्पेक्ष गद्दारों ने अलगाववादी मुसलमानों को ढ़ाल बनाकर हर मुसलमान को आतंकवादी बना डालने का बीड़ा उठा रखा है।
वरना आतंकवादियों की फांसी रोककर वन्देमातरम् का विरोध कर देशभक्तों को यूं सूली पर चड़ाने की वेशर्म कोशिसें न की जाती।